الترجمة الهندية
ترجمة معاني القرآن الكريم للغة الهندية ترجمها مولانا عزيز الحق العمري، نشرها مجمع الملك فهد لطباعة المصحف الشريف. عام الطبعة 1433هـ.﴿بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ حم﴾
ह़ा मीम।
﴿تَنْزِيلُ الْكِتَابِ مِنَ اللَّهِ الْعَزِيزِ الْحَكِيمِ﴾
इस पुस्तक[1] का उतरना अल्लाह, सब चीज़ों और गुणों को जानने वाले की ओर से है।
﴿إِنَّ فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ لَآيَاتٍ لِلْمُؤْمِنِينَ﴾
वास्तव में, आकाशों तथा धरती में बहुत-सी निशानियाँ (लक्षण) हैं, ईमान लाने वालों के लिए।
﴿وَفِي خَلْقِكُمْ وَمَا يَبُثُّ مِنْ دَابَّةٍ آيَاتٌ لِقَوْمٍ يُوقِنُونَ﴾
तथा तुम्हारी उत्पत्ति में तथा जो फैला[1] दिये हैं उसने जीव, बहुत-सी निशानियाँ हैं, उन लोगों के लिए, जो विश्वास रखते हों।
﴿وَاخْتِلَافِ اللَّيْلِ وَالنَّهَارِ وَمَا أَنْزَلَ اللَّهُ مِنَ السَّمَاءِ مِنْ رِزْقٍ فَأَحْيَا بِهِ الْأَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا وَتَصْرِيفِ الرِّيَاحِ آيَاتٌ لِقَوْمٍ يَعْقِلُونَ﴾
तथा रात और दिन के आने जाने में तथा अल्लाह ने आकाश से जो जीविका उतारी है, फिर जीवित किया है उसके द्वारा धरती को, उसके मरने के पश्चात् तथा हवाओं के फेरने में, बड़ी निशानियाँ हैं, उनके लिए, जो समझ-बूझ रखते हों।
﴿تِلْكَ آيَاتُ اللَّهِ نَتْلُوهَا عَلَيْكَ بِالْحَقِّ ۖ فَبِأَيِّ حَدِيثٍ بَعْدَ اللَّهِ وَآيَاتِهِ يُؤْمِنُونَ﴾
ये अल्लाह की आयतें हैं, जो वास्तव में हम तुम्हें सुना रहे हैं। फिर कौन सी बात रह गई है, अल्लाह तथा उसकी आयतों के पश्चात्, जिसपर वे ईमान लायेंगे?
﴿وَيْلٌ لِكُلِّ أَفَّاكٍ أَثِيمٍ﴾
विनाश है प्रत्येक झूठे पापी के लिए।
﴿يَسْمَعُ آيَاتِ اللَّهِ تُتْلَىٰ عَلَيْهِ ثُمَّ يُصِرُّ مُسْتَكْبِرًا كَأَنْ لَمْ يَسْمَعْهَا ۖ فَبَشِّرْهُ بِعَذَابٍ أَلِيمٍ﴾
जो अल्लाह की उन आयतों को, जो उसके सामने पढ़ी जायें सुने, फिर भी वह अकड़ता हुआ (कुफ़्र पर) अड़ा रहे, जैसे कि उन्हें सुना ही न हो! तो आप उसे दुःखदायी यातना की सूचना पहुँचा दें।
﴿وَإِذَا عَلِمَ مِنْ آيَاتِنَا شَيْئًا اتَّخَذَهَا هُزُوًا ۚ أُولَٰئِكَ لَهُمْ عَذَابٌ مُهِينٌ﴾
और जब, उसे ज्ञान हो हमारी किसी आयत का, तो उसे उपहास बना ले। यही हैं, जिनके लिए अपमानकारी यातना है।
﴿مِنْ وَرَائِهِمْ جَهَنَّمُ ۖ وَلَا يُغْنِي عَنْهُمْ مَا كَسَبُوا شَيْئًا وَلَا مَا اتَّخَذُوا مِنْ دُونِ اللَّهِ أَوْلِيَاءَ ۖ وَلَهُمْ عَذَابٌ عَظِيمٌ﴾
तथा उनके आगे नरक है और नहीं काम आयेगा उनके, जो कुछ उन्होंने कमाया है और न जिसे उन्होंने अल्लाह के सिवा संरक्षक बनाया है और उन्हीं के लिए कड़ी यातना है।
﴿هَٰذَا هُدًى ۖ وَالَّذِينَ كَفَرُوا بِآيَاتِ رَبِّهِمْ لَهُمْ عَذَابٌ مِنْ رِجْزٍ أَلِيمٌ﴾
ये (क़ुर्आन) मार्गदर्शन है तथा जिन्होंने कुफ़्र किया अपने पालनहार की आयतों के साथ, तो उन्हीं के लिए यातना है, दुःखदायी यातना।
﴿۞ اللَّهُ الَّذِي سَخَّرَ لَكُمُ الْبَحْرَ لِتَجْرِيَ الْفُلْكُ فِيهِ بِأَمْرِهِ وَلِتَبْتَغُوا مِنْ فَضْلِهِ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُونَ﴾
अल्लाह ही ने वश में किया है तुम्हारे लिए सागर को, ताकि नाव चलें उसमें उसके आदेश से और ताकि तुम खोज करो उसके अनुग्रह (दया) की और ताकि तुम उसके कृतज्ञ (आभारी) बनो।
﴿وَسَخَّرَ لَكُمْ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ جَمِيعًا مِنْهُ ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ لِقَوْمٍ يَتَفَكَّرُونَ﴾
तथा उसने तुम्हारी सेवा में लगा रखा है, जो कुछ आकाशों तथा धरती में है, सबको अपनी ओर से। वास्तव में, इसमें बहुत-सी निशानियाँ हैं, उनके लिए, जो सोच-विचार करें।
﴿قُلْ لِلَّذِينَ آمَنُوا يَغْفِرُوا لِلَّذِينَ لَا يَرْجُونَ أَيَّامَ اللَّهِ لِيَجْزِيَ قَوْمًا بِمَا كَانُوا يَكْسِبُونَ﴾
(हे नबी!) आप उनसे कह दें जो ईमान लाये हैं कि क्षमा कर[1] दें उन्हें, जो आशा नहीं रखते हैं अल्लाह के दिनों[2] की, ताकि वह बदला दे एक समुदाय को उनकी कमाई का।
﴿مَنْ عَمِلَ صَالِحًا فَلِنَفْسِهِ ۖ وَمَنْ أَسَاءَ فَعَلَيْهَا ۖ ثُمَّ إِلَىٰ رَبِّكُمْ تُرْجَعُونَ﴾
जिसने सदाचार किया, तो अपने भले के लिए किया तथा जिसने दुराचार किया, तो अपने ऊपर किया। फिर तुम (प्रतिफल के लिए) अपने पालनहार की ओर ही फेरे[1] जाओगे।
﴿وَلَقَدْ آتَيْنَا بَنِي إِسْرَائِيلَ الْكِتَابَ وَالْحُكْمَ وَالنُّبُوَّةَ وَرَزَقْنَاهُمْ مِنَ الطَّيِّبَاتِ وَفَضَّلْنَاهُمْ عَلَى الْعَالَمِينَ﴾
तथा हमने प्रदान की इस्राईल की संतान को पुस्तक तथा राज्य और नबूअत (दूतत्व) और जीविका दी उन्हें, स्वच्छ चीज़ों से तथा प्रधानता दी उन्हें (उनके युग के) संसारवासियों पर।
﴿وَآتَيْنَاهُمْ بَيِّنَاتٍ مِنَ الْأَمْرِ ۖ فَمَا اخْتَلَفُوا إِلَّا مِنْ بَعْدِ مَا جَاءَهُمُ الْعِلْمُ بَغْيًا بَيْنَهُمْ ۚ إِنَّ رَبَّكَ يَقْضِي بَيْنَهُمْ يَوْمَ الْقِيَامَةِ فِيمَا كَانُوا فِيهِ يَخْتَلِفُونَ﴾
तथा दिये हमने उन्हें, खुले आदेश। तो उन्होंने विभेद नहीं किया, परन्तु अपने पास ज्ञान[1] आ जाने के पश्चात्, आपस के द्वेष के कारण। निःसंदेह आपका पालनहार ही निर्णय करेगा उनके बीच परलय के दिन, जिस बात में वे विभेद कर रहे हैं।
﴿ثُمَّ جَعَلْنَاكَ عَلَىٰ شَرِيعَةٍ مِنَ الْأَمْرِ فَاتَّبِعْهَا وَلَا تَتَّبِعْ أَهْوَاءَ الَّذِينَ لَا يَعْلَمُونَ﴾
फिर (हे नबी!) हमने कर दिया आपको एक खुले धर्म विधान पर, तो आप अनुसरण करें इसका तथा न चलें उनकी आकांक्षाओं पर, जो ज्ञान नहीं रखते।
﴿إِنَّهُمْ لَنْ يُغْنُوا عَنْكَ مِنَ اللَّهِ شَيْئًا ۚ وَإِنَّ الظَّالِمِينَ بَعْضُهُمْ أَوْلِيَاءُ بَعْضٍ ۖ وَاللَّهُ وَلِيُّ الْمُتَّقِينَ﴾
वास्तव में, वे आपके काम न आयेंगे अल्लाह के सामने कुछ। ये अत्याचारी एक-दूसरे के मित्र हैं और अल्लाह आज्ञाकारियों का साथी है।
﴿هَٰذَا بَصَائِرُ لِلنَّاسِ وَهُدًى وَرَحْمَةٌ لِقَوْمٍ يُوقِنُونَ﴾
ये (क़ुर्आन) सूझ की बातें हैं, सब मनुष्यों के लिए तथा मार्गदर्शन एवं दया है, उनके लिए, जो विश्वास करें।
﴿أَمْ حَسِبَ الَّذِينَ اجْتَرَحُوا السَّيِّئَاتِ أَنْ نَجْعَلَهُمْ كَالَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ سَوَاءً مَحْيَاهُمْ وَمَمَاتُهُمْ ۚ سَاءَ مَا يَحْكُمُونَ﴾
क्या समझ रखा है जिन्होंने दुष्कर्म किया है कि हम कर देंगे उन्हें उनके समान, जो ईमान लाये तथा सदाचार किये हैं कि उनका जीवन तथा मरण समान[1] हो जाये? वे बुरा निर्णय कर रहे हैं।
﴿وَخَلَقَ اللَّهُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ بِالْحَقِّ وَلِتُجْزَىٰ كُلُّ نَفْسٍ بِمَا كَسَبَتْ وَهُمْ لَا يُظْلَمُونَ﴾
तथा पैदा किया है अल्लाह ने आकाशों एवं धरती को, न्याय के साथ और ताकि बदला दिया जाये प्रत्येक प्राणी को, उसके कर्म का तथा उनपर अत्याचार नहीं किया जायेगा।
﴿أَفَرَأَيْتَ مَنِ اتَّخَذَ إِلَٰهَهُ هَوَاهُ وَأَضَلَّهُ اللَّهُ عَلَىٰ عِلْمٍ وَخَتَمَ عَلَىٰ سَمْعِهِ وَقَلْبِهِ وَجَعَلَ عَلَىٰ بَصَرِهِ غِشَاوَةً فَمَنْ يَهْدِيهِ مِنْ بَعْدِ اللَّهِ ۚ أَفَلَا تَذَكَّرُونَ﴾
क्या आपने उसे देखा, जिसने बना लिया अपना पूज्य अपनी इच्छा को तथा कुपथ कर दिया अल्लाह ने उसे जानते हुए और मुहर लगा दी उसके कान तथा दिल पर और बना दिया उसकी आँख पर आवरण (पर्दा)? फिर कौन है, जो सीधी राह दिखायेगा उसे अल्लाह के पश्चात्? तो क्या तुम शिक्षा ग्रहण नहीं करते?
﴿وَقَالُوا مَا هِيَ إِلَّا حَيَاتُنَا الدُّنْيَا نَمُوتُ وَنَحْيَا وَمَا يُهْلِكُنَا إِلَّا الدَّهْرُ ۚ وَمَا لَهُمْ بِذَٰلِكَ مِنْ عِلْمٍ ۖ إِنْ هُمْ إِلَّا يَظُنُّونَ﴾
तथा उन्होंने कहा कि हमारा यही सांसारिक जीवन है। हम यहीं मरते और जीते हैं और हमारा विनाश, युग (काल) ही करता है। उन्हें इसका ज्ञान नहीं। वे केवल अनुमान की बात[1] कर रहे हैं।
﴿وَإِذَا تُتْلَىٰ عَلَيْهِمْ آيَاتُنَا بَيِّنَاتٍ مَا كَانَ حُجَّتَهُمْ إِلَّا أَنْ قَالُوا ائْتُوا بِآبَائِنَا إِنْ كُنْتُمْ صَادِقِينَ﴾
और पढ़कर सुनाई जाती हैं उन्हें, हमारी खुली आयतें, तो उनका तर्क केवल ये होता है कि ले आओ हमारे पूर्वजों को, यदि तुम सच्चे हो।
﴿قُلِ اللَّهُ يُحْيِيكُمْ ثُمَّ يُمِيتُكُمْ ثُمَّ يَجْمَعُكُمْ إِلَىٰ يَوْمِ الْقِيَامَةِ لَا رَيْبَ فِيهِ وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُونَ﴾
आप कह दें: अल्लाह ही तुम्हें जीवन देता तथा मारता है, फिर एकत्र करेगा तुम्हें प्रलय के दिन, जिसमें कोई संदेह नहीं। परन्तु अधिक्तर लोग (इस तथ्य को) नहीं[1] जानते।
﴿وَلِلَّهِ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۚ وَيَوْمَ تَقُومُ السَّاعَةُ يَوْمَئِذٍ يَخْسَرُ الْمُبْطِلُونَ﴾
तथा अल्लाह ही का है आकाशों तथा धरती का राज्य और जिस दिन स्थापना होगी प्रलय की, तो उस दिन क्षति में पड़ जायेंगे झूठे।
﴿وَتَرَىٰ كُلَّ أُمَّةٍ جَاثِيَةً ۚ كُلُّ أُمَّةٍ تُدْعَىٰ إِلَىٰ كِتَابِهَا الْيَوْمَ تُجْزَوْنَ مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُونَ﴾
तथा देखेंगे आप प्रत्येक समुदाय को घुटनों के बल गिरा हुआ। प्रत्येक समुदाय पुकारा जायेगा अपने कर्म-पत्र की ओर। आज, बदला दिया जायेगा तुम लोगों को, तुम्हारे कर्मों का।
﴿هَٰذَا كِتَابُنَا يَنْطِقُ عَلَيْكُمْ بِالْحَقِّ ۚ إِنَّا كُنَّا نَسْتَنْسِخُ مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُونَ﴾
ये हमारा कर्म-पत्र है, जो बोल रहा है तुमपर सह़ीह़ बात। वास्तव में, हम लिखवा रहे थे, जो कुछ तुम कर रहे थे।
﴿فَأَمَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ فَيُدْخِلُهُمْ رَبُّهُمْ فِي رَحْمَتِهِ ۚ ذَٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْمُبِينُ﴾
तो जो ईमान लाये तथा सदाचार किये, उन्हें प्रवेश देगा उनका पालनहार अपनी दया में, यही प्रत्यक्ष (खुली) सफलता है।
﴿وَأَمَّا الَّذِينَ كَفَرُوا أَفَلَمْ تَكُنْ آيَاتِي تُتْلَىٰ عَلَيْكُمْ فَاسْتَكْبَرْتُمْ وَكُنْتُمْ قَوْمًا مُجْرِمِينَ﴾
परन्तु जिन्होंने कुफ़्र किया, (उनसे कहा जायेगाः) क्या मेरी आयतें तुम्हें पढ़कर नहीं सुनायी जा रही थीं? तो तुमने घमंड किया तथा तुम अपराधी बनकर रहे?
﴿وَإِذَا قِيلَ إِنَّ وَعْدَ اللَّهِ حَقٌّ وَالسَّاعَةُ لَا رَيْبَ فِيهَا قُلْتُمْ مَا نَدْرِي مَا السَّاعَةُ إِنْ نَظُنُّ إِلَّا ظَنًّا وَمَا نَحْنُ بِمُسْتَيْقِنِينَ﴾
तो जब कहा जाता था कि निश्चय अल्लाह का वचन सच है तथा प्रलय होने में तनिक भी संदेह नहीं, तो तुम कहते थे कि प्रलय क्या है? हम तो केवल एक अनुमान रखते हैं तथा हम विश्वास करने वाले नहीं हैं।
﴿وَبَدَا لَهُمْ سَيِّئَاتُ مَا عَمِلُوا وَحَاقَ بِهِمْ مَا كَانُوا بِهِ يَسْتَهْزِئُونَ﴾
तथा खुल जायेंगी उनके लिए, उनके दुष्कर्मों की बुराईयाँ और घेर लेगा उन्हें, जिसका वे उपहास कर रहे थे।
﴿وَقِيلَ الْيَوْمَ نَنْسَاكُمْ كَمَا نَسِيتُمْ لِقَاءَ يَوْمِكُمْ هَٰذَا وَمَأْوَاكُمُ النَّارُ وَمَا لَكُمْ مِنْ نَاصِرِينَ﴾
और कहा जायेगा कि आज हम तुम्हें भुला देंगे,[1] जैसे तुमने इस दिन से मिलने को भुला दिया और तुम्हारा कोई सहायक नहीं है।
﴿ذَٰلِكُمْ بِأَنَّكُمُ اتَّخَذْتُمْ آيَاتِ اللَّهِ هُزُوًا وَغَرَّتْكُمُ الْحَيَاةُ الدُّنْيَا ۚ فَالْيَوْمَ لَا يُخْرَجُونَ مِنْهَا وَلَا هُمْ يُسْتَعْتَبُونَ﴾
ये (यातना) इस कारण है कि तुमने बना लिया था अल्लाह की आयतों को उपहास तथा धोखे में रखा तुम्हें सांसारिक जीवन ने। तो आज वे नहीं निकाले जायेंगे (यातना से) और न उन्हें क्षमा माँगने का अवसर दिया जायेगा।[1]
﴿فَلِلَّهِ الْحَمْدُ رَبِّ السَّمَاوَاتِ وَرَبِّ الْأَرْضِ رَبِّ الْعَالَمِينَ﴾
तो अल्लाह के लिए सब प्रशंसा है, जो आकाशों तथा धरती का पालनहार एवं सर्वलोक का पनालनहार है।
﴿وَلَهُ الْكِبْرِيَاءُ فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۖ وَهُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ﴾
और उसी की महिमा[1] है आकाशों तथा धरती में और वही प्रबल और सब गुणों को जानने वाला है।
الترجمات والتفاسير لهذه السورة:
- سورة الجاثية : الترجمة الأمهرية አማርኛ - الأمهرية
- سورة الجاثية : اللغة العربية - المختصر في تفسير القرآن الكريم العربية - العربية
- سورة الجاثية : اللغة العربية - التفسير الميسر العربية - العربية
- سورة الجاثية : اللغة العربية - معاني الكلمات العربية - العربية
- سورة الجاثية : الترجمة الأسامية অসমীয়া - الأسامية
- سورة الجاثية : الترجمة الأذرية Azərbaycanca / آذربايجان - الأذرية
- سورة الجاثية : الترجمة البنغالية বাংলা - البنغالية
- سورة الجاثية : الترجمة البوسنية للمختصر في تفسير القرآن الكريم Bosanski - البوسنية
- سورة الجاثية : الترجمة البوسنية - كوركت Bosanski - البوسنية
- سورة الجاثية : الترجمة البوسنية - ميهانوفيتش Bosanski - البوسنية
- سورة الجاثية : الترجمة الألمانية - بوبنهايم Deutsch - الألمانية
- سورة الجاثية : الترجمة الألمانية - أبو رضا Deutsch - الألمانية
- سورة الجاثية : الترجمة الإنجليزية - صحيح انترناشونال English - الإنجليزية
- سورة الجاثية : الترجمة الإنجليزية - هلالي-خان English - الإنجليزية
- سورة الجاثية : الترجمة الإسبانية Español - الإسبانية
- سورة الجاثية : الترجمة الإسبانية - المنتدى الإسلامي Español - الإسبانية
- سورة الجاثية : الترجمة الإسبانية (أمريكا اللاتينية) - المنتدى الإسلامي Español - الإسبانية
- سورة الجاثية : الترجمة الفارسية للمختصر في تفسير القرآن الكريم فارسی - الفارسية
- سورة الجاثية : الترجمة الفارسية - دار الإسلام فارسی - الفارسية
- سورة الجاثية : الترجمة الفارسية - حسين تاجي فارسی - الفارسية
- سورة الجاثية : الترجمة الفرنسية - المنتدى الإسلامي Français - الفرنسية
- سورة الجاثية : الترجمة الفرنسية للمختصر في تفسير القرآن الكريم Français - الفرنسية
- سورة الجاثية : الترجمة الغوجراتية ગુજરાતી - الغوجراتية
- سورة الجاثية : الترجمة الهوساوية هَوُسَ - الهوساوية
- سورة الجاثية : الترجمة الهندية हिन्दी - الهندية
- سورة الجاثية : الترجمة الإندونيسية للمختصر في تفسير القرآن الكريم Bahasa Indonesia - الأندونيسية
- سورة الجاثية : الترجمة الإندونيسية - شركة سابق Bahasa Indonesia - الأندونيسية
- سورة الجاثية : الترجمة الإندونيسية - المجمع Bahasa Indonesia - الأندونيسية
- سورة الجاثية : الترجمة الإندونيسية - وزارة الشؤون الإسلامية Bahasa Indonesia - الأندونيسية
- سورة الجاثية : الترجمة الإيطالية للمختصر في تفسير القرآن الكريم Italiano - الإيطالية
- سورة الجاثية : الترجمة الإيطالية Italiano - الإيطالية
- سورة الجاثية : الترجمة اليابانية 日本語 - اليابانية
- سورة الجاثية : الترجمة الكازاخية - مجمع الملك فهد Қазақша - الكازاخية
- سورة الجاثية : الترجمة الكازاخية - جمعية خليفة ألطاي Қазақша - الكازاخية
- سورة الجاثية : الترجمة الخميرية ភាសាខ្មែរ - الخميرية
- سورة الجاثية : الترجمة الكورية 한국어 - الكورية
- سورة الجاثية : الترجمة الكردية Kurdî / كوردی - الكردية
- سورة الجاثية : الترجمة المليبارية മലയാളം - المليبارية
- سورة الجاثية : الترجمة الماراتية मराठी - الماراتية
- سورة الجاثية : الترجمة النيبالية नेपाली - النيبالية
- سورة الجاثية : الترجمة الأورومية Oromoo - الأورومية
- سورة الجاثية : الترجمة البشتوية پښتو - البشتوية
- سورة الجاثية : الترجمة البرتغالية Português - البرتغالية
- سورة الجاثية : الترجمة السنهالية සිංහල - السنهالية
- سورة الجاثية : الترجمة الصومالية Soomaaliga - الصومالية
- سورة الجاثية : الترجمة الألبانية Shqip - الألبانية
- سورة الجاثية : الترجمة التاميلية தமிழ் - التاميلية
- سورة الجاثية : الترجمة التلجوية తెలుగు - التلجوية
- سورة الجاثية : الترجمة الطاجيكية - عارفي Тоҷикӣ - الطاجيكية
- سورة الجاثية : الترجمة الطاجيكية Тоҷикӣ - الطاجيكية
- سورة الجاثية : الترجمة التايلاندية ไทย / Phasa Thai - التايلاندية
- سورة الجاثية : الترجمة الفلبينية (تجالوج) للمختصر في تفسير القرآن الكريم Tagalog - الفلبينية (تجالوج)
- سورة الجاثية : الترجمة الفلبينية (تجالوج) Tagalog - الفلبينية (تجالوج)
- سورة الجاثية : الترجمة التركية للمختصر في تفسير القرآن الكريم Türkçe - التركية
- سورة الجاثية : الترجمة التركية - مركز رواد الترجمة Türkçe - التركية
- سورة الجاثية : الترجمة التركية - شعبان بريتش Türkçe - التركية
- سورة الجاثية : الترجمة التركية - مجمع الملك فهد Türkçe - التركية
- سورة الجاثية : الترجمة الأويغورية Uyƣurqə / ئۇيغۇرچە - الأويغورية
- سورة الجاثية : الترجمة الأوكرانية Українська - الأوكرانية
- سورة الجاثية : الترجمة الأردية اردو - الأردية
- سورة الجاثية : الترجمة الأوزبكية - علاء الدين منصور Ўзбек - الأوزبكية
- سورة الجاثية : الترجمة الأوزبكية - محمد صادق Ўзбек - الأوزبكية
- سورة الجاثية : الترجمة الفيتنامية للمختصر في تفسير القرآن الكريم Vèneto - الفيتنامية
- سورة الجاثية : الترجمة الفيتنامية Vèneto - الفيتنامية
- سورة الجاثية : الترجمة اليورباوية Yorùbá - اليوروبا
- سورة الجاثية : الترجمة الصينية 中文 - الصينية